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माँ सरस्वती वंदना





माँ सरस्वती वंदना


माँ विद्याधर को प्रणाम कर।

वंदन कर नित अभिनंदन कर।।


वही ज्ञान की सृष्टि विधाता।

उन्हें देख काम जल जाता।।


परम सौम्य शांत मधु वाणी।

माँ को पा खुश सारे प्राणी।।


सद्विवेकिनी बुद्धिदायिनी।

ज्ञानावस्थित महा भवानी।।


बैठी हंस जगत विख्याता।

हंसवाहिनी बहु सुखदाता।।


पुस्तक स्वयं दिव्य निर्झरणी।

अक्षर शव्द सुवाक्य सुवरणी।।


शरद कालमय शरदोत्सव हो।

महा ज्ञानिनी ज्ञानोत्सव हो।।


वक्ता परम मधुर वचनामृत।

सुष्ठ पुष्ट सुगठित रचनामृत।।


शीतल अतिशय पावन रसना।

महा काव्यमय शिव शुभ रचना।।


दिग्दर्शिका आर्य पंथ की।

सहज रचयिता वेद ग्रन्थ की।।


तुम बैठी हो वेदव्यास में।

तुम कबीर में तुलसिदास में।।


तुम्हीं सर्व सर्वत्र विचरती।

ज्ञान -इत्र बन सतत गमकती ।।


हो प्रसन्न वर दे हे माता।

बुद्धि प्रदान करो सुखदाता।।


दोहा-

 सदा प्रेम अरु ज्ञान का, दो माँश्री वरदान।

सुखी रहे सारा जगत,मिटे तिमिर अज्ञान।।





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2 Comments

Varsha_Upadhyay

08-Dec-2022 08:30 PM

🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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Sachin dev

08-Dec-2022 05:55 PM

Nice

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